है क्यू की हम ये सोचते हैं की दूसरा हम से बेहतर है और इसी सोच को हम अपने अंदर के खलीपन को भरने में लगाते है हम खुद को हर रोज बेकर और बरबाद शब्द से खुश करते हैं क्यू की हमें दुसरो ने ये सिखया है के ज्यादा खुश होना अच्छी बात नहीं है या फिर खुश होने के लिए पैसे की जरूरत होती है जिस्से सुन्ते ही हम दीप्रेस हो जाते हैं और खुद के नसीब को बुरा और दसरे के नसीब को अच्छा बोलकर दिखने में अपना समय बरबाद करते हैं
तो इससे बचे केसे
उस खालीपन मे आपको खुद को रिज़र्व या दूसरी चीज़ों से भरना होगा या सच बताऊ तो आज से शरू करना होगा जैसे
1.अपने शरीर मे छुपी बुराई को ढूढ़ना और उस पर काम करना
2.नई किताब पढ़ना या अपने बारे मे लिखकर दुसरो को बताना या सिखाना
3.सोशल साइट पर अपने शहर के बारे मे या खुद के बारे मे बताना।
4.नये दोस्त बनाना उनके बारे मे जानना या खुद के बारे मे बताना
5.पैसे कमाने का नया सॉर्स ढूंढना या उसे सीखना
क्या ? क्यों? और कैसे?
ये दो ऐसे शब्द है जो हमें आगे बढ़ने मैं बहुत मदद करते है या ये कहे के दसरो को समझने मैं और अपने आप को फोकस रखने में काम करते हैं जैसे आप बहुत डिप्रेशन मैं है तो आप खुद से ये पुछ सकते हैं
- क्यों मैं खुद को चोट पहूचा रहा हूं।
- क्या ये मे हूँ
- ऐसा करने से क्या मैं फिर कभी डिप्रेशन मैं नहीं जाऊंगा
- कैसे मैं खुदपर रोक लगा सकता हूँ
क्या नहीं करना है कभी
- अकेले ज़्यादा बातें करना या अपने विचारो को दुसरो से छुपाना।
- ज़्यादा सोचना या दुसरो की बेकार बातो को याद करना।
- दिनभर अकेले बैठे रेहना या टाइमपास करना।
- फालतू की बकवास या अपने बारे मे ज़्यादा बारे मे जताना कि मेरे साथ क्या हुआ।
- ज़्यादा मोहब्बत की फिल्मे देखना
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